गणेश जी आरती हिंदी में |
मंत्र : वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||
श्री गणेश जी की आरती ( हिंदी )
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी |
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ||
(माथे पर सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी)
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा |
(हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)
लडुअन का भोग लगे संत करे सेवा ||
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
माता जाकी पारवती पिता महादेवा ||
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया |
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ||
'सूर' श्याम शरण आये सफल कीजे सेवा |
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||
(दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी)
(कामना को पूर्ण करो, जगत बलिहारी ||)
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||