Friday, 1 March 2019

shri hanumanji ki aarti | श्री हनुमानजी की आरती

hanumanji ki aarti
hanumanji ki aarti

श्री हनुमानजी की आरतीभगवान श्री राम जी के परम भक्त जाने वाले हनुमान जी का सच्चे मन से ध्यान करने मात्र से ही दर और भय दूर हो जाते है | हिन्दू धर्म के अनुसार श्री हनुमानजी को भगवान शिव जी का अवतार माना जाता है | श्री हनुमानजी की पूजा अर्चना में हनुमान चालीसा, हनुमानजी की आरती, मंत्र एवं पाठ किया जाता है |

श्री हनुमानजी की आरती


आरती कीजै हनुमान लला की |
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || 

जाके बल से गिरिवर काँपै |
रोग - दोष जाके निकट न झांपै ||

अंजनी पुत्र महा बलदाई |
संतन  के प्रेम सदा सहाई || 

दे बीरा रघुनाथ पठाये | 
लंका जारी सिया सुधि लाये || 

लंका सो कोट समुद्र सी खाई | 
जात पवनसुत बार न लाई || 

लंक जारी असुर संहारे | 
सिया रामजी के काज सँवारे || 

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे | 
आनि सजीवन प्राण उबारे || 

पैठी पाताल तोरि जम - कारे | 
अहिरावन की भुजा उखारे || 

बांये भुजा असुर दाल मारे |
दहिने भुजा संतजन तारे || 

सुर नर मुनि आरती उतारे | 
जै जै जै हनुमान उचारे || 

कंचन थाल कपूर लौ छाई | 
आरती करत अंजना माई || 

जो  हनुमान जी की आरती गावै | 
बसी बैकुंठ परम पद पावै || 

लंक विध्वंश किये रघुराई | 
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई  || 

आरती कीजै हनुमान लला की | 
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ||

Also Read...
Shri Hanuman Chalisa lyrics In hindi