Mata Laxmi Ki Aarti |
माता लक्ष्मी की आरती - आज के समय में धन और वैभव के बिना व्यक्ति का जीवन अधुरा माना जाता है | इसी कारण से इस कलयुग में माता लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना अधिक की जाती है | हिन्दू धर्म के अनुसार माता लक्ष्मी जी को धन और सम्रद्धि की साक्षात् देवी माना जाता है | इस युग में माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए माता लक्ष्मी की आरती एवं पूजा की जाती है...
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निशदिन सेवत, मैयाजी को निसदिन सेवत,
हरी विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता...
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता |
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता |
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि - सिद्धि धन पाता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता |
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
जिस घर में तुम रहती, तंह सब सद्गुण आता |
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता |
खान पान का वैभव, सब तुम से आता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता |
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता |
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता...
ॐ जय लक्ष्मी माता, ओ मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निशदिन सेवत, मैयाजी को निसदिन सेवत,
हरी विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता...
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